हमीरपुर के तंबाकू कारोबारियों की काली कमाई के सीधे संबंध कानपुर से मिले हैं। बिरहाना रोड और नयागंज में छापों के बाद करोड़ों के कैश कारोबार का भंडाफोड़ सेंट्रल जीएसटी कानपुर की टीम ने किया है। इसी के साथ कई और हैरतअंगेज खुलासे हुए। पीयूष जैन की तरह ही जगतबाबू और प्रदीप गुप्ता का रहन-सहन भी बेहद साधारण है। पीयूष की तरह ही गुप्ता बंधुओं ने भी अपनी काली कमाई का ठिकाना अपना बेडरूम बना रखा था। वे 20 करोड़ रुपये से ज्यादा कारोबार के बावजूद जीएसटी में रिटर्न महज 10 से 15 हजार रुपये दिखाते थे।
करोड़ों की गड्डियों को बिस्तर में बिछाकर सोने वाले गुप्ता बंधुओं का रहन सहन बेहद साधारण है। सीजीएसटी सूत्रों के मुताबिक निम्न मध्यवर्ग परिवार की तरह रहने वाले कारोबारियों के पास से करोड़ों कैश मिलते ही सभी हैरत में पड़ गए। घर में कुल चार कमरे हैं। दोनों भाइयों के दो कमरे हैं। इसके अलावा दो छोटे कमरे अलग से हैं। कोई देखकर अंदाजा नहीं लगा सकता कि दोनों भाई करोड़ों में खेलते हैं।
जांच में खुलासा हुआ कि 95 फीसदी कारोबार कच्चे यानी कैश में था। दो से तीन ट्रक माल रोजाना फैक्टरी से निकलता था। एक दिन में कम से कम 6 से 8 लाख का कारोबार था। यानी साल में न्यूनतम 20 करोड़ का माल गुप्ता बंधु बेच रहे थे। लेकिन जीएसटी रिटर्न केवल 5 हजार से 20 हजार रुपये के बीच दिखाया जा रहा था। इतने कम रिटर्न से ही सीजीएसटी अफसरों को शक हुआ। खुफिया जांच कराई गई, तो असली कारोबार का खुलासा हुआ। कैश लेनदेन होने की वजह से बैंकों से ट्रांजेक्शन कम थे।
अभी तक चार बैंक खाते मिले हैं। जिनके आधार पर पाया गया है कि कारोबारी बंधु अपना इनकम टैक्स रिटर्न भी लगभग दस लाख रुपये का ही भरते थे। तंबाकू का ब्रांड सीएम के नाम से निकाला जाता था और इसके लिंक कानपुर के बिरहाना रोड व नयागंज से पाए गए। सेल प्रोसीड की जांच में पाया गया है कि करोड़ों की काली कमाई का दायरा बढ़ सकता है।