तीन साल बाद रेलवे बोर्ड ने हाल ही में जयपुर में आयोजित आईआरटीटीसी की बैठक के बाद यह निर्णय लिया है। निर्णय के अनुसार इस वर्ष जारी होनी वाली समय-सारणी में पैसेंजर ट्रेनों के नम्बर के आगे से जीरो हटा दिया जाएगा। इसके हट जाने से अनारक्षित स्पेशल ट्रेनें कोविड के पूर्व की तरह पैसेंजर ट्रेन बन जाएंगी। हालांकि यात्रियों को राहत देते हुए रेलवे ने किराया पहले ही कम कर दिया था। नई व्यवस्था लागू हो जाने से वर्तमान में बंद चल रही पैसेंजर ट्रेनें दोबारा बहाल हो जाएंगी।
पैसेंजर के रूप में बदल जाने के बाद न्यूनतम किराया दोबारा से 10 रुपये हो गया है। कुछ समय पूर्व तक जहां महज दो किलोमीटर के आगे का भी टिकट लेने पर न्यूनतम 30 रुपये का टिकट मिल रहा था वहीं अब वह 10 रुपये का मिल रहा है। कोविड के दौरान सभी पैसेंजर ट्रेनों को अनारक्षित स्पेशल के रूप में बदल दिया गया था। तभी से ट्रेनें अनारक्षित स्पेशल के रूप में चल रही हैं। जबकि सुविधाएं सभी पैसेंजर वाली ही हैं।
अब बोर्ड ने सभी अनारक्षित स्पेशल/ डेमू/ मेमू को पैसेंजर के रूप में चलाने का आदेश दिया है। आदेश के क्रम में एनई रेलवे सभी अनारक्षित स्पेशल ट्रेनों को पैसेंजर के रूप में बदल दिया है और वहां न्यूनतम किराया भी 10 रुपये हो गया है। उसी क्रम में अब एनई रेलवे प्रशासन टाइम टेबल में भी बदलाव की तैयारी शुरू कर चुका है।