रक्षा कर्मियों के लिए भारत सरकार का ऐतिहासिक फैसला, लागू हुई ‘एक रैंक, एक पेंशन’ योजना

रक्षा बलों के सेवानिवृत्त कर्मियों के कल्याण और समानता को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। ‘एक रैंक, एक पेंशन’ (OROP) योजना को 1 जुलाई 2014 से लागू कर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित इस पहल का उद्देश्य सेवानिवृत्ति की तिथि की परवाह किए बिना समान पेंशन प्रदान करना है। यह योजना भूतपूर्व और वर्तमान पेंशनधारकों के बीच के अंतर को पाटती है।

ऐतिहासिक फैसला और कार्यान्वयन

सेवानिवृत्त रक्षा कर्मियों के लिए समान पेंशन की मांगों को ध्यान में रखते हुए, ‘एक रैंक, एक पेंशन’ योजना को 7 नवंबर 2015 को सरकारी आदेश जारी करके आधिकारिक रूप से लॉन्च किया गया था। पेंशन निर्धारण से संबंधित विस्तृत दिशानिर्देश 3 फरवरी 2016 को जारी किए गए। यह फैसला सेवानिवृत्त सैन्य कर्मियों की विभिन्न पीढ़ियों के बीच पेंशन लाभ में समानता की मांगों को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

OROP योजना की मुख्य विशेषताएं

  • समान पेंशन और समान व्यवहार: एक ही रैंक और समान सेवा अवधि के साथ सेवानिवृत्त होने वाले सभी रक्षा कर्मियों को समान पेंशन प्राप्त करने का हकदार बनाया गया है।
  • बकाया राशि का वितरण: वीरता पुरस्कार प्राप्त करने वाले और परिवार पेंशनभोगियों को छोड़कर, OROP के तहत बकाया राशि चार समान छमाही किस्तों में वितरित की जाती है। वीरता पुरस्कार प्राप्त करने वाले और परिवार पेंशनभोगियों को एकमुश्त राशि के रूप में बकाया राशि मिलती है।
  • समय-समय पर संशोधन: महंगाई और अन्य आर्थिक कारकों को ध्यान में रखते हुए, OROP के तहत पेंशन को हर पांच साल में फिर से निर्धारित किया जाता है। यह सुनिश्चित करता है कि सेवानिवृत्त कर्मियों को पर्याप्त वित्तीय सहायता मिलती रहे।
  • वित्तीय प्रभाव: OROP के कार्यान्वयन पर सरकार ने काफी धनराशि खर्च की है। रक्षा बलों के पेंशनधारकों और परिवार पेंशनधारकों को बकाया राशि के रूप में अब तक 10,795।40 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं। यह रक्षा बल समुदाय के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

चुनौतियां और भविष्य की दिशा

OROP को लागू करने में कई चुनौतियां थीं, जिनमें ऐतिहासिक पेंशन डेटा को संसाधित करने और वित्तीय प्रभाव को प्रबंधित करने की जटिलताएं शामिल थीं। इन चुनौतियों के बावजूद, सरकार पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग रही है। यह रक्षा कर्मियों के योगदान के लिए गहरे सम्मान का प्रतीक है।

हालिया घटनाक्रम और सुप्रीम कोर्ट का निर्देश

हाल ही में, माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 1 जुलाई 2019 से OROP के तहत पेंशन को फिर से निर्धारित करने का निर्देश दिया, जो योजना की समय-समय पर समायोजन और निष्पक्षता की प्रतिबद्धता को पुष्ट करता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *