4 वर्षीय गौरव दुबे जिंदगी की जंग हार गया। दिन-रात 18 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद 200 फिट बोर में करीब 28 फीट में गौरव फंसा था. जिसे बाहर निकाल लिया गया है, लेकिन बीएमओ बरही ने उसे मृत घोषित कर दिया। 24 फरवरी की सुबह 11 बजे गौरव खेलते-खेलते बोरबेल में गिर गया था।
मध्यप्रदेश के उमरिया जिले के बड़छड़ गांव में बोरबेल में गिरे 4 साल के मासूम गौरव दुबे को बचाने एनडीआरएफ ने 18 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन किया. टीम के कड़ी मशक्कत के बाद 25 फरवरी की सुबह 4 बजे रेस्क्यू टीम को सफलता मिली. टीम ने बोरबेल के समानान्तर 28 फ़ीट का जेसीबी से गड्ढा बनाने के बाद टनल बनाकर मासूम को निकाला. जिसके बाद गौरव को लाइफ सपोर्ट सिस्टम के माध्यम से नजदीकी सामुदायिक स्वाथ्य केंद्र बरही ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
बोरबेल में गिरने से 5-6 घंटे के भीतर हो गई थी मौत
बरही सामुदायिक स्वाथ्य केंद्र के चिकित्सकों ने बताया कि गौरव की मौत बोरबेल में गिरने से पांच से छह घंटे के भीतर हो गई थी, चूंकि गौरव बोरवेल में सिर के बल ही गिरा था. इसलिए बोरबेल में भरे पानी में डूबने के बाद भी गौरव जीवन और मौत के बीच लगातार 10 घंटे तक संघर्ष करने के बाद जिंदगी से जंग हार गया.
मौके पर डटे रहे अधिकारी
पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक शहडोल जोन दिनेश चंद्र सागर, कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव और एसपी प्रमोद सिन्हा के साथ स्वास्थ्य जिला व पुलिस प्रशासन की मौके पर डटी रही. रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान सैकड़ों की संख्या ग्रामीण मौजूद रहे. प्रदेश सरकार के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा सहित हर किसी ने गौरव के बोरबेल से सुरक्षित निकल आने की कामना की. मगर लोगों की मनोकामना पूर्ण नहीं हो सकी.
गृहमंत्री ने ट्वीट कर की थी कुशलक्षेम की कामना
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ट्वीट कर कहा कि मासूम गौरव को बोरवेल से सुरक्षित निकालने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जाएगी. उमरिया प्रशासन गौरव को बचाने के लिए युद्धस्तर पर बचाव कार्य चला रहा है. बोर के अंदर उसे पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलती रहे, इसकी व्यवस्था भी कर दी गई है. मैं बेटे गौरव के कुशलक्षेम की कामना करता हूं.
खेलते-खेलते बोरवेल गिरा था गौरव
बता दें कि 4 साल का गौरव दुबे पिता संतोष दुबे अपनी मां के साथ खेत में गया हुआ था, तभी खेत में खुले पड़े 30 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया. बच्चे के बोरवेल में गिरने की सूचना के बाद पूरा गांव इकठ्ठा हो गया. सभी बच्चे से सुरक्षित बाहर निकालने की दुआ मांग रहे थे. मासूम को बचाने रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया, लेकिन जान नहीं बचाई जा सकी.