क्रिकेट और सियासत के गलियारों में इन दिनों यह सवाल सुर्खियों में है. सचिव पद के लिए जिन दावेदारों के नाम सबसे आगे है, उनमें दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रोहन जेटली का नाम प्रमुख है. बीसीसीआई में सचिव का पद सबसे अहम माना जाता है. बोर्ड के भीतर बैठक कराने से लेकर नीतिगत घोषणा तक की जिम्मेदारी सचिव के पास ही होती है.पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के बेटे रोहन 2020 में डीडीसीए के जरिए क्रिकेट की राजनीति में आए थे.
रोहन बीजेपी के दिवंगत नेता अरुण जेटली के बेटे हैं. उनकी मां संगीता जेटली हैं. 1982 में अरुण और संगीता की शादी हुई थी. रोहन की एक बहन सोनाली जेटली है और वो भी वकालत करती हैं. रोहन और सोनाली ने अपने पिता की तरह की वकालत करने का फैसला किया.
रोहन की पत्नी का नाम मेहरुनिशा आनंद है दोनों की शादी 2020 में हुई थी. मेहरुनिशा भी वकालत ही करती हैं.
डीडीसीए में कैसे आए रोहन?
डीडीसीए मतलब दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन. यह बीसीसीआई के अधीन है. यह एसोसिएशन राजधानी दिल्ली का प्रतिनिधित्व करता है. बीजेपी के नेता अरुण जेटली इसके लंबे वक्त तक अध्यक्ष रहे थे. 2020 में अरुण जेटली का निधन हो गया. इसी साल डीडीसीए में चुनाव की घोषणा हुआ.
अरुण की जगह उनके बेटे रोहन को मैदान में उतारा गया. अरुण के साथ जो लोग होते थे, वो रोहन के साथ हो गए. इस चुनाव में बाकी पदों के लिए मतदान हुआ, लेकिन रोहन अध्यक्ष पद पर निर्विरोध चुन लिए गए.
रोहन 2023 में दूसरी बार डीडीसीए प्रेसिडेंट चुने गए. रोहन ने इस चुनाव में डीडीसीए को भ्रष्टाचार और हंगामा मुक्त एसोसिएशन बना कर रखने का वादा किया था.