बंगाल सरकार मंगलवार को विधानसभा के विशेष सत्र में एक संशोधन विधेयक पेश करेगी। इसमें दुष्कर्म के दोषियों को 10 दिनों में मृत्युदंड (फांसी) की सजा सुनिश्चित करने का प्रस्ताव है। दुष्कर्म विरोधी इस विधेयक का नाम- अपराजिता वीमेन एंड चाइल्ड (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून व संशोधन) बिल 2024 है। इस विधेयक के तहत दुष्कर्म के मामलों की जांच 21 दिनों में पूरी करनी होगी। भाजपा ने घोषणा की है कि वह विधेयक का समर्थन करेगी। उधर, विशेषज्ञों का मानना है कि राज्य कानून बना सकता है, लेकिन इसको राष्ट्रपति से मंजूरी आवश्यक है।
महिला डॉक्टर से वारदात के खिलाफ हो रहे लगातार विरोध-प्रदर्शन के बीच ममता सरकार ने महिलाओं से दुष्कर्म और अन्य यौन अपराधों में कानून को सख्त करने और कठोर दंड देने के लिए यह विधेयक पारित कराने को विशेष सत्र बुलाया है। मंगलवार को ही इसे सदन से पारित कराकर हस्ताक्षर के लिए राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। मसौदा विधेयक में हाल ही में लागू भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता अधिनियम 2023 और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम 2012 में संशोधन करने का प्रस्ताव है।