विशेष निगरानी इकाई ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। सहरसा के जेल अधीक्षक सुरेश चौधरी पर आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज करने के बाद शुक्रवार को उनके मुजफ्फरपुर और सहरसा के ठिकानों पर छापेमारी की गई। अबतक की तलाशी में आय से 6 करोड़ रुपए से अधिक की चल-अलच संपत्ति पाई गई। जांच से जुड़े अधिकारियों के अनुसार जेल अधीक्षक की संपत्ति 18-20 करोड़ तक पहुंच सकती है।
विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) के मुताबिक सुरेश चौधरी के खिलाफ आय से1,59,07,928 रुपए अधिक संपत्ति की एफआईआर दर्ज की गई है। मुजफ्फरपुर में उन्होंने दो जी प्लस टू का आलीशान मकान बना रखा है। मकानों की भव्यता और साज-सज्जा पर पानी की तरह रकम बहाया गया। दोनों मकानों की लागत चार करोड़ रुपए से अधिक आंकी गई है। काली कमाई का बड़ा हिस्सा जमीन में खपाया गया है। अबतक 15 जमीन के डीड मिले हैं जो 3 करोड़ से अधिक की राशि से खरीदे गए हैं। बताया जाता है कि बड़े पैमाने पर बेनामी संपत्तियां भी खरीदी गई हैं। एसवीयू को भारत-नेपाल सीमा पर ऐसे कई प्लॉट होने की सूचना भी मिली है, जिसके संबंध में अभी छानबीन की जा रही है।
जेल के कार्यालय में छुपा रखे थे 10 लाख
एसवीयू ने मुजफ्फरपुर के ब्रह्मपुरा स्थित कृष्णा टोली के गली नम्बर 5 के मकान के अलावा सहरसा के सरकारी आवास और कार्यालय की तलाशी ली। इस दौरान जेल के अंदर स्थित अधीक्षक के कार्यालय में रखी अलमीरा से 10 लाख रुपए नकद बरामद हुए। वहीं मुजफ्फरपुर वाले घर से एक लाख कैश मिला।
अबतक सुरेश चौधरी और उनके आश्रितो के नाम के 38 से अधिक बैंक खाते और फिक्स डिपोजिट पाए गए हैं। कई लॉकर का भी पता चला है। मुजफ्फरपुर स्थित एसबीआई के एक खाते मे 17 लाख जबकि पीएनबी में 3 लाख रुपए जमा है। तलाशी के दौरान लाखों के जेवरात भी मिले।
एसवीयू के मुताबिक सुरेश चौधरी के चार संतान हैं। इनमें एक बेटी का नामांकन 15 लाख देकर निजी मेडिकल कॉलेज में कराया गया। एक बेटा बंगलुरू में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है वहीं दूसरा मुजफ्फरपुर मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहा है। वहीं एक की पढ़ाई मुजफ्फरपुर में ही इंजीनियरिंग कॉलेज में हो रही है। बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और हवाई यात्रा पर लाखों रुपए खर्च किए गए हैं।