उद्योगपति गौतम अडानी के खिलाफ अमेरिका में दायर आरोप पत्र में कहा गया है कि अडानी समूह ने आंध्र प्रदेश के उच्च पद पर तैनात एक बड़े अधिकारी को करीब 2029 करोड़ रुपये में से कुल 85% से अधिक यानी करीब 1750 करोड़ रुपये की रिश्वत दी। हालांकि इस मामले पर वहां की सत्तारूढ़ पार्टी तेलुगू देशम पार्टी (TDP) ने चुप्पी साध ली है। टीडीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के पट्टाभि राम ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “हमने अमेरिकी कोर्ट केस के बारे में सुना है। हम इसे एक-दो दिन में देखेंगे।” वहीं, मंत्री नारा लोकेश नायडू ने विधानसभा में इस मुद्दे पर चर्चा न होने की बात कही।
जानकारी के मुताबिक, TDP ने इस मामले पर चुप रहने के कुछ संभावित कारण बताए हैं। पहला पार्टी आने वाले दिनों में स्थिति को समझने के बाद ही कोई प्रतिक्रिया देने का विचार कर रही है। आरोप यह है कि अडानी समूह ने मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी के शासनकाल में सौर ऊर्जा के ठेके हासिल करने के लिए रिश्वत दी थी। TDP फिलहाल इस विवाद में कूदने से बचने की कोशिश कर रही है। एक TDP नेता ने कहा, “हमें किसी कदम को उठाने से पहले लाभ और हानि का आकलन करना होगा। हम सतर्कता से काम ले रहे हैं।”