भारत के पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया गया है. उन पर एपीएएफओ में फ्रॉड करने का आरोप है. रिपोर्ट्स के मुताबिक उथप्पा ने अपने कर्मचारियों की सैलरी से 23 लाख रुपये काटे लेकिन उसे उनके प्रोविडेंट फंड में जमा नहीं किया. इसी वजह से उन्हें गिरफ्तार करने के लिए 4 दिसंबर को वारंट जारी किया गया था. हालांकि, उन्हें पूरे पैसे को भरने लिए 27 दिसंबर तक का समय दिया गया है. अगर वो समय से अपने कर्मचारियों के पीएफ अकाउंट में पैसे जमा नहीं करते हैं तो उन्हें जेल की हवा खानी पड़ सकती है.
दरअसल, रॉबिन उथप्पा बेंगलुरु में मौजूद एक कपड़े की कंपनी चलाते हैं. सेंचुरी लाइफस्टाइल ब्रांड्स प्राइवेट लिमिटेड नामक इस कंपनी में वह डाइरेक्टर के तौर पर नियुक्त हैं. पीएफ कमिश्नर के मुताबिक इस कंपनी ने 2336602 रुपये अपने कर्मचारियों के अकाउंट में जमा करना था. लेकिन पैसे काटने के बावजूद कंपनी ने ऐसा नहीं किया, जिसकी वजह से उथप्पा के खिलाफ पूर्व बेंगलुरु में अरेस्ट वारंट जारी किया गया. हालांकि, पुलिस ने बताया कि वारंट में दिए उथप्पा का जो पता बताया गया है, उस पर वह पिछले कुछ सालों से नहीं रह रहे हैं.