नई दिल्ली 18/05/2022- 34 साल पुराने रोड रेज केस में कांग्रेसी नेता नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने एक साल जेल की सजा सुनाई है। उन्हें एक साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने अपने 15 मई, 2018 के एक हजार रुपये के जुर्माने की सजा को बदल दिया है। जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस संजय किशन कौल की बेंच ने ये फैसला सुनाया है।
1988 के रोड रेज मामले में सिद्धू को एक साल की सजा सुनाई गई है। पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए देश की सर्वोच्च अदालत ये साफ कर दिया है कि सिद्धू को इस मामले में एक साल जेल में बिताना होगा। वहीं याचिका में कहा गया है कि सिद्धू की सजा कम नहीं की जानी चाहिए। इससे पहले पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने सिद्धू को गैर इरादतन हत्या में तीन साल कैद की सजा सुनाई थी जबकि सुप्रीम कोर्ट ने गैर इरादन हत्या में बरी कर दिया था, लेकिन चोट पहुंचाने के मामले में एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया था।
आपको बता दें कि इसी मामले में सितंबर 1999 में निचली अदालत ने नवजोत सिह सिद्धू को बरी कर दिया था, लेकिन हाई कोर्ट ने दिसंबर 2006 में सिद्धू और एक अन्य पर गैर इरादतन हत्या मामले में दोषी करार देते हुए कैद की सजा सुनाई थी, जिसे दोनों आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसके बाद उच्चतन न्यायालय ने सिद्धू को पीड़ित के साथ मारपीट मामले में दोषी करार देते हुए हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। इसी मामले में अब पीड़ित पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन दाखिल की गई थी।
27 दिसंबर 1988 को क्या हुआ था?
27 दिसंबर 1988 को ये दुखद घटनाक्रम पटियाला में सामने आया था। तब सिद्धू ने बीच रोड पर अपनी गाड़ी पार्क की थी। इसी दौरान जब पीड़ित ने रोड पर जिप्सी देखकर सिद्धू को उसे हटाने को कहा। तो वहां पर बहसबाजी शुरू हो गई। पुलिस का आरोप था कि इस दौरान सिद्धू पीड़ित के साथ मारपीट करने के बाद मौके से फरार हो गए थे।