नई दिल्ली, 30 अप्रैल 2025 — भारत को जल्द ही नया प्रधान न्यायाधीश (CJI) मिलने जा रहा है। मंगलवार को भारत सरकार ने जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई को देश के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की अधिसूचना जारी की। वे 14 मई 2025 को यह पदभार संभालेंगे। मौजूदा प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना का कार्यकाल 13 मई को समाप्त हो रहा है।
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस नियुक्ति की जानकारी साझा करते हुए लिखा, “भारत के संविधान में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई को 14 मई 2025 से भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करते हुए प्रसन्नता हो रही है।”
जस्टिस गवई की नियुक्ति भारत के न्यायिक इतिहास में सामाजिक समावेशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। वे अनुसूचित जाति समुदाय से आने वाले देश के दूसरे CJI होंगे। इससे पहले जस्टिस केजी बालकृष्णन ने वर्ष 2007 से 2010 तक भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में सेवा दी थी।
प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने परंपरा के अनुसार 16 अप्रैल को सरकार को जस्टिस गवई के नाम की अनुशंसा भेजी थी। जस्टिस गवई वर्तमान में सर्वोच्च न्यायालय में वरिष्ठतम न्यायाधीशों में से एक हैं और उनका कार्यकाल 23 दिसंबर 2025 तक रहेगा, यानी वे लगभग छह महीने तक CJI पद पर रहेंगे।
न्यायमूर्ति गवई की नियुक्ति न केवल न्यायिक प्रक्रिया में वरिष्ठता की परंपरा का पालन करती है, बल्कि देश की न्यायपालिका में सामाजिक प्रतिनिधित्व को भी सशक्त करती है।