कसडोल। डी ए वी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल, कसडोल में आज से शुरू हुआ एक अनोखा और रचनात्मक कार्यक्रम — “दी इमेजिनेशन स्टेशन”, जिसकी अवधि 10 मई 2025 से 10 जून 2025 तक रहेगी । इस आयोजन का उद्देश्य छात्रों में कला की चिंगारी को शोला बनाना है।
विद्यालय में आज इस कला शिविर का भव्य शुभारंभ किया गया, कार्यक्रम की शुरुआत गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में हुई, जहां मुख्य अतिथि के रूप में डी ए वी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल, सकरी के प्राचार्य श्री एम. शशि कुमार उपस्थित थे ।
इस आयोजन की खास बात यह है कि इसका संचालन कर रहे हैं श्री विक्रांतचंचल साहू, जो डी ए वी स्कूल कसडोल के 2020 बैच के टॉपर रह चुके हैं। उन्होंने NEET और JEE जैसे प्रतियोगी परीक्षाओं को छोड़कर फाइन आर्ट्स को चुना — और यहीं से शुरू होती है उनकी प्रेरणादायक कहानी। विक्रांत ने इंदिरा कला विश्वविद्यालय, खैरागढ़ से फाइन आर्ट्स में मास्टर्स किया है और अब अपने ज्ञान और अनुभव को नई पीढ़ी के साथ साझा कर रहे हैं।
“दी इमेजिनेशन स्टेशन” के तहत छात्रों को विभिन्न कलाओं जैसे चित्रकला, मूर्तिकला, क्राफ्ट, और भी कई विधाओं की बारीकियां सिखाई जाएंगी। इस कार्यक्रम में डी ए वी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल कसडोल के अलावा आसपास के कई विद्यालयों के छात्र भी भाग ले रहे हैं।
कार्यक्रम के उद्घाटन उपलक्ष में डी ए वी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल, कसडोल के प्राचार्य श्री भुवनेन्द्र सिंह जी ने बच्चों से अपने संबोधन में कहा, “विज्ञान और गणित ज़रूरी हैं, पर कला वह रंग है जो जीवन को खूबसूरत बनाती है। आज के बच्चे अगर कला में रुचि लेते हैं तो वे सिर्फ अच्छे कलाकार नहीं, बेहतर इंसान भी बनते हैं।”, “कला केवल ब्रश, रंग और कैनवस की सीमाओं में नहीं बंधी — यह वो ताकत है जो बच्चों को कल्पनाशील, संवेदनशील और नवाचार से भरपूर बनाती है।”
उन्होंने आगे कहा, “जब एक बच्चा चित्र बनाता है, वह अपनी भावनाओं को आकार देता है; जब वह रंग भरता है, वह अपने सपनों में रंग भरना सीखता है। कला वह खामोश शिक्षक है, जो बिना बोले जीवन के सबसे गहरे पाठ पढ़ा जाती है।”
प्राचार्य श्री भुवनेंद्र सिंह ने यह भी कहा, “आज के दौर में जब सब कुछ डिजिटल होता जा रहा है, तब बच्चों का कला से जुड़ना उन्हें मानवीय बनाता है। एक कलाकार की सोच वैज्ञानिक से भी तेज होती है, क्योंकि वह यथार्थ को कल्पना में बदल देता है।”
उद्घाटन समारोह में माहौल कुछ ऐसा था जैसे कल्पनाओं को पंख लग गए हों! कार्यक्रम में पुरानी यादों को ताज़ा करते हुए कई पूर्व छात्र, प्रीति साहू, आदित्य मानिकपुरी, नीलम साहू , बृहस्पति धीवर मनीष कैवर्त, रितेश वर्मा एवं अन्य छात्र नज़र आए। इन छात्रों ने वर्तमान छात्रों को अपने अनुभव साझा कर खूब प्रेरित किया।
“दी इमेजिनेशन स्टेशन” न सिर्फ एक कला शिविर है, बल्कि यह एक मंच है जहाँ से सपनों की उड़ान शुरू होती है। जहां कला सिर्फ विषय नहीं, जीवन जीने का तरीका सिखाती है। कसडोल में रचनात्मकता की यह लहर आने वाले दिनों में और भी रंग भरने वाली है ऐसा कार्यक्रम में उपस्थित अभिभावकों का कहना है।
कार्यक्रम में विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक समीर मंडल एवं पार्थ वैष्णव मौजूद रहे।