ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान सतर्क, रक्षा बजट में होगी भारी बढ़ोतरी – अहसन इकबाल ने की पुष्टि

इस्लामाबाद। ऑपरेशन सिंदूर में भारत के हाथों मिली करारी शिकस्त के बाद पाकिस्तान अब अपनी सैन्य तैयारियों को मजबूती देने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रहा है। पाकिस्तान के योजना मंत्री अहसन इकबाल ने शनिवार को स्पष्ट किया कि आगामी वित्त वर्ष 2025-26 के लिए देश के रक्षा बजट में वृद्धि की जाएगी। उन्होंने इसे पाकिस्तान की “संप्रभुता की रक्षा के लिए अनिवार्य” बताया।

मंत्री इकबाल ने कहा, “यह हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है कि हम अपने सशस्त्र बलों को वह सब कुछ दें जिसकी उन्हें ज़रूरत है, ताकि भविष्य में वे देश की रक्षा कर सकें। हमारा पड़ोसी (भारत) खतरनाक है, जिसने रात के अंधेरे में हमला किया, लेकिन हमने जवाब देने में कोई कसर नहीं छोड़ी।”

पाकिस्तान सरकार का यह फैसला भारत-पाक के हालिया तनाव, सिंधु नदी जल बंटवारे पर भारत के फैसले, और क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य को ध्यान में रखकर लिया गया है। इकबाल ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को भविष्य में किसी भी संभावित हमले के लिए हर समय तैयार रहना होगा।

जल सुरक्षा और बांध परियोजनाओं पर जोर

मंत्री ने देश की जल सुरक्षा को लेकर भी बड़ी घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि डायमर-भाषा और मोहमंद जैसे प्रमुख बांधों की परियोजनाएं तेज़ी से पूरी की जाएंगी ताकि पाकिस्तान का पानी सुरक्षित रहे। जल प्रबंधन को सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में गिना गया है।

कृषि क्षेत्र में ‘ग्रीन रिवोल्यूशन 2.0’ लाने की तैयारी

इकबाल ने बताया कि कृषि और दुग्ध उत्पादन को आधुनिक बनाने के लिए चीन से प्रशिक्षण प्राप्त कर रही कृषि इंजीनियरों की एक टीम इस साल के अंत तक वापस लौटेगी। यह टीम पाकिस्तान में ‘ग्रीन रिवोल्यूशन 2.0’ की नींव रखेगी। इसके तहत देश में खुद के बीज विकसित करने और पशुपालन क्षेत्र को तकनीकी रूप से उन्नत बनाने की योजना है।

युवाओं के लिए इंटर्नशिप कार्यक्रम

युवा इंजीनियरों को सशक्त बनाने की दिशा में भी कदम उठाए जा रहे हैं। आने वाले बजट में इंजीनियरों के लिए इंटर्नशिप कार्यक्रम को शामिल किया गया है। इससे हजारों युवाओं को ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग मिलेगी और उनके लिए बेहतर रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

सीमित संसाधनों में बड़ी योजनाओं की चुनौती

इकबाल ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान के पास केवल 1 ट्रिलियन रुपये का विकास बजट उपलब्ध है, जबकि विभिन्न मंत्रालयों ने 3 ट्रिलियन रुपये की मांग की थी। उन्होंने बताया कि इस वजह से कम प्राथमिकता वाली परियोजनाएं रोक दी जाएंगी और केवल उच्च प्राथमिकता की योजनाओं को आगे बढ़ाया जाएगा।

गौरतलब है कि पहले पाकिस्तान का संघीय बजट 2 जून को पेश किया जाना था, लेकिन अब इसे 10 जून को संसद में रखा जाएगा। इससे एक दिन पहले आर्थिक सर्वेक्षण जारी किया जाएगा।

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