पंचकूला, 27 मई 2025: हरियाणा के पंचकूला में सोमवार देर रात दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसने लोगों को 2018 में दिल्ली के बुराड़ी कांड की याद दिला दी। यहां एक ही परिवार के सात लोगों ने सामूहिक रूप से आत्महत्या कर ली। मृतकों में पति-पत्नी, उनके तीन मासूम बच्चे और बुजुर्ग माता-पिता शामिल हैं। शुरुआती जांच में सामने आया है कि परिवार ने कार में जहर खाकर अपनी जीवनलीला समाप्त की।
कार में मिला पूरा परिवार बेहोशी की हालत में
यह दर्दनाक घटना पंचकूला के सेक्टर 27 में एक खाली प्लॉट के सामने खड़ी कार में सामने आई। कार में उत्तराखंड निवासी प्रवीण मित्तल (42), उनकी पत्नी, तीन बच्चे (एक बेटा और दो बेटियां) और उनके बुजुर्ग माता-पिता बेहोशी की हालत में मिले। राहगीरों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और सभी को तुरंत सेक्टर-26 के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया, जहां छह लोगों को मृत घोषित कर दिया गया। गंभीर हालत में बचे प्रवीण मित्तल को सेक्टर-6 के सिविल अस्पताल रेफर किया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई।
कर्ज और व्यापार में घाटे ने तोड़ा हौसला
पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि प्रवीण मित्तल का परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा था। उन्होंने कुछ समय पहले देहरादून में टूर एंड ट्रैवल्स का कारोबार शुरू किया था, लेकिन उसमें भारी नुकसान हुआ। बताया जा रहा है कि परिवार पर भारी कर्ज हो गया था, जिससे परेशान होकर उन्होंने यह कदम उठाया। पुलिस को कार से बच्चों के स्कूल बैग, खाने-पीने का सामान और कपड़े मिले हैं, जिससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि आत्महत्या की योजना पहले से बनाई गई थी।
पुलिस जांच जारी, आत्महत्या के अन्य पहलुओं की जांच
घटना की जानकारी मिलते ही डीसीपी हिमांद्री कौशिक, डीसीपी क्राइम अमित दहिया और संबंधित थाना पुलिस मौके पर पहुंची। सीन ऑफ क्राइम और फॉरेंसिक टीम ने कार और घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए। मृतक परिवार की कार उत्तराखंड नंबर की थी। पुलिस का कहना है कि अभी तक की जांच में यह मामला आत्महत्या का लग रहा है, लेकिन अन्य संभावनाओं की भी जांच की जा रही है।
समाज में गूंज उठे सवाल
इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर समाज को झकझोर दिया है। आर्थिक तंगी और कर्ज के बोझ तले दबे परिवार की यह सामूहिक आत्महत्या न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करती है। क्या समय रहते कोई मदद मिलती, तो सात जानें बचाई जा सकती थीं?
पुलिस फिलहाल मामले की गहराई से जांच कर रही है और परिवार से जुड़े अन्य लोगों से पूछताछ कर रही है। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में इस भयावह घटना की पूरी सच्चाई सामने आ सकेगी।