NPCI का बड़ा कदम, सिस्टम पर बढ़ते दबाव को कम करने की कोशिश
नई दिल्ली, 27 मई 2025: यूपीआई (UPI) से डिजिटल भुगतान को और अधिक सुरक्षित और सुचारू बनाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने एक बड़ा कदम उठाया है। अब यूपीआई उपयोगकर्ताओं को 1 अगस्त 2025 से बैलेंस जांचने और अन्य गैर-वित्तीय सेवाओं पर सीमाएं झेलनी होंगी। ये बदलाव बैंकों और यूपीआई सेवा प्रदाताओं के लिए भी सख्त प्रावधान लेकर आए हैं।
बैलेंस चेक पर रोजाना की सीमा तय
NPCI के नए दिशानिर्देशों के मुताबिक, अब कोई भी ग्राहक किसी एक यूपीआई ऐप से एक दिन में अधिकतम 50 बार ही बैलेंस चेक कर सकेगा। यदि ग्राहक एक से अधिक ऐप जैसे पेटीएम, फोनपे या गूगल पे इस्तेमाल करता है, तो हर ऐप पर अलग-अलग 50 बार की सीमा लागू होगी।
इसके अलावा, व्यस्त समय — सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे और शाम 5 बजे से रात 9:30 बजे तक — बैलेंस चेक करने के अनुरोधों को सीमित या अस्थायी रूप से रोका जा सकता है।
बैंक खाता जानकारी की जांच पर भी लगी सीमा
ग्राहक अब किसी भी यूपीआई ऐप से एक दिन में केवल 25 बार ही यह देख पाएंगे कि उनके मोबाइल नंबर से कौन-कौन से बैंक खाते जुड़े हुए हैं। यह सुविधा भी केवल ग्राहक की सहमति और चयन के बाद ही उपलब्ध होगी।
सफल लेनदेन के बाद मिलेगा बैलेंस अलर्ट
हर सफल यूपीआई लेनदेन के बाद अब ग्राहक को शेष राशि (बैलेंस) की जानकारी भेजना अनिवार्य होगा, जिससे उन्हें बार-बार बैलेंस जांचने की जरूरत न पड़े।
बैंकों के लिए ऑडिट अनिवार्य
NPCI ने सभी संबंधित बैंकों को निर्देश दिया है कि वे हर साल मान्यता प्राप्त ऑडिटर्स से सिस्टम का ऑडिट कराएं। पहली ऑडिट रिपोर्ट 31 अगस्त 2025 तक जमा करनी होगी।
लेनदेन पर कोई असर नहीं
NPCI ने यह भी स्पष्ट किया है कि इन नए प्रावधानों का यूपीआई से जुड़े वित्तीय लेनदेन जैसे पैसे भेजना या प्राप्त करना पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। ये सीमाएं केवल 10 गैर-वित्तीय सुविधाओं पर लागू होंगी, जिनमें से सिर्फ एक — ऑटोपे मैंडेट — वित्तीय है।