डोनबास में बढ़ा युद्ध का खतरा तो रोस्तोव क्षेत्र में शरणार्थियों के लिए रूस ने खोली 15 सीमाएं

मास्को। रुस और यूक्रेन के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। इसी बीच रूस के रोस्तोव क्षेत्र में डोनबास के शरणार्थियों के लिए सीमा पार के 15 रास्ते खोल दिए हैं। रूस के आपातकालीन मंत्रालय ने शनिवार को स्पुतनिक को बताया स्व-घोषित लुहान्स्क पीपुल्स रिपब्लिक (LPR) और डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक (DPR) ने संपर्क लाइन पर तनाव बढ़ने पर अपने नागरिकों को रोस्तोव क्षेत्र से निकालने की घोषणा की। मंत्रालय ने कहा, 19 फरवरी तक रोस्तोव क्षेत्र में छह आटोमोबाइल, दो रेलवे और सात पैदल यात्री चौकियां बनाई गई हैं।

दरअसल, एलपीआर और डीपीआर कीव पर उनके खिलाफ एक नया सैन्य अभियान शुरू करने का आरोप लगा रहे हैं, जबकि यूक्रेनी अधिकारियों ने बार-बार जोर देकर कहा है कि वे डोनबास में किसी भी स्थिति लिए रूस को जिम्मेदार मानता है।

साइबर हमले पर रूस ने क्या कहा

वहीं, यूक्रेन के बैंकों पर हाल के दिनों में साइबर हमले को लेकर संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित रूस के दूतावास का बयान आया है। रुस के दूतावास ने कहा, साइबर हमले में रूस शामिल नहीं था। दरअसल, शुक्रवार को उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ऐनी न्यूबर्गर ने कहा कि बाइडन प्रशासन का मानना है कि रूसी साइबर ने हाल ही में देश के रक्षा मंत्रालय सहित यूक्रेनी सरकारी संस्थाओं को निशाना बनाया था। इस पर रुसी दूतावास ने कहा, हम (US) प्रशासन के निराधार बयानों को स्पष्ट रूप से खारिज करते हैं, रूस हाल ही में हुई घटनाओं में शामिल नहीं था, और साइबर स्पेस में कोई दुर्भावनापूर्ण आपरेशन नहीं किया है। राजनयिक मिशन ने न्यूबर्गर की टिप्पणी को रूसी विरोधी बताया है।

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