एवी कैनाल दोष (जन्म से हृदय रोग) से ग्रसित शिशु को मिला नया जीवन। एनएच एमएमआई नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, लालपुर, रायपुर में बच्चे का इलाज हुआ।

रायपुर  एवी कैनाल डेफेक्ट (जन्म से हृदय रोग) से ग्रसित एक शिशु को एनएच एमएमआई नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, लालपुर, रायपुर में कार्डियक केयर टीम के द्वारा नया जीवन दिया गया। एवी कैनाल दोष छोटे बच्चों में जन्म के समय से ही होने वाला एक हृदय रोग है जोसामान्य एवी वाल्व, दिल की अनियमित धड़कन और वेंट्रिकल सेप्टल दोष जुड़ा होता है। यह रोग बहुत कम बच्चों में होता है, लगभग हर 10,000 नवजात शिशुओं में से 2 शिशु में यह रोग होता है। अनबैलेन्स्ड  एवी कैनाल डेफेक्ट अक्सर डाउन सिंड्रोम से जुडा होता है। जब यह विकार हृदय के किसी वेंट्रिक्ल के अविकसित होने के साथ हो, तो यह अनबैलेन्स्ड  एवी कैनाल डेफेक्ट होता है

टीएपीवीसी एक और दुर्लभ विकार है जिसमें ऑक्सीजन युक्त रक्त औऱ ऑक्सीजन रहित रक्त एक साथ हृदय में प्रवेश करता है। एक सामान्य हृदय में, ऊपरी बाएँ कक्ष को ऑक्सीजन युक्त (शुद्ध) रक्त मिलता है और ऊपर का दायाँ कक्ष ऑक्सीजन रहित (अशुद्ध) रक्त प्राप्त करता है। लेकिन टीएपीवीसी शुद्ध रक्त हृदय में उसी कक्ष में प्रवेश करता है जहाँ अशुद्ध रक्त प्रवेश करता है। इन दोनों दोषों वाले बच्चे में अगर एवी कैनाल दोष को ठीक करने के लिए हृदय का इलाज किया जाए, फिर भी हृदय को टीएपीवीसी के कारण अशुद्ध रक्त प्राप्त होता है और इसी कारण इसका इलाज कर पाना बहुत की कठिन और दुर्लभ है और इसी दुर्लभ कार्य को बड़ी ही सावधानी पूर्वक एनएच एमएमआई नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, लालपुर, रायपुर में कार्डियक केयर टीम मिलकर सफल बनाया और इस गंभीर रोग से ग्रसित शिशु को नया जीवन मिल पाया।

एनएच एमएमआई नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, लालपुर, रायपुर में इलाज करवा रहे बच्चे को गंभीर सायनोसिस (शरीर का नीलापन) के साथ केवल 50% ऑक्सीजन सैच्युरेशन था। ऐसे में टीएपीवीसी (टोटल एनोमलस पल्मोनरी वेनस कनेक्शन) के साथ असंतुलित एवी कैनाल डेफेक्ट और साथ में सायनोसिस जैसी समस्याएँ शुरुआत में संदेह की स्थिति पैदा कर रही थी क्योंकि दुनियाभर में ऐसे मामलों के सफलतापूर्वक इलाज कुछ ही हुए हैं। डॉ. पी. के. हरिकुमार (सीनियर कंसल्टेंटकार्डिएक सर्जरी, एनएच एमएमआई नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, लालपुर, रायपुर) के नेतृत्व में हृदय रोग विशेषज्ञों की टीम ने इस मुश्किल सर्जरी को सफल बनाया और बच्चे को 90% से अधिक ऑक्सीजन के साथ डिस्चार्ज किया गया।

डॉ. पी. के. हरिकुमार (सीनियर कंसल्टेंटकार्डिएक सर्जरी, एनएच एमएमआई नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, लालपुर, रायपुर) ने बताया कि, “इस तरह के जटिल मामले के इलाज के लिए एक अत्यधिक विशिष्ट और उन्नत कार्डियक केयर टीम की आवश्यकता थी जिसे एनएच एमएमआई नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल, रायपुर के व्यापक कार्डियक टीम ने सफल बनाया।“ 

इस टीम मेंडॉ सुमंत शेखर पाढ़ी (वरिष्ठ सलाहकारकार्डियोलॉजी), डॉ किंजल बख्शी (सलाहकारपीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी), डॉ. अरुण अंडप्पन (सीनियर कार्डिएक एनेस्थेटिस्ट), डॉ.राकेश चंद (एचओडी और सीनियर कार्डियक एनेस्थेटिस्ट), डॉ धर्मेश लाड (कार्डियक इंटेनसीविस्ट) और डॉ. तेज कुमार, (कार्डियक सर्जन), जैसे विशेषज्ञ शामिल रहे।

श्री नवीन शर्मा (फैसिलिटी डॉयरेक्टर, एनएच एमएमआई नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल, रायपुर) ने कहा, ये सर्जरी एक दुर्लभ सर्जरी है, जिसे हमारे कार्डियोलोजी टीम ने सफलता पूर्वक पूर्ण किया है।

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