मां आनंदिनी फाउंडेशन,परिवारिक संस्था,,की टीम द्वारा मनाया गया सावन मेला महोत्सव

नेहरू उद्यान में बहुत ही सुंदर तरीके से गीतों की गुंजन,ढोलक की थाप, के संग,हरित श्रृंगार में सुहागने का श्रृंगार की छवि देखते ही मनमोहक लग रही थी।,,गणेश वंदना, मातृ पूजन,से प्रारंभ,,भजनों की अनुमोदन,से प्रकृति को रिझाना,, मनमोहक नृत्य ने समा बांध ते हुए ,नारी शक्ति ने अपने अपने हुनर कुशल दिखाए,,,मां आनंदिनी फाउंडेशन,परिवारिक संस्था,,की टीम सदेव परिवार और समाज में ताल मेल के लिय एक सेतु पूर्ण कार्य करने हेतु ,,अग्रसर रहती हैं। समाज ,परिवार में ,,महिलाओ की भूमिका की जुबानी परिवारिक रिश्तों की गरिमा को बनाए रखने के लिय ही ,,सफल प्रयास बिखरते परिवारों को नई ऊर्जा संचार के नई सोच को प्रेरण दायक प्रयास करती है।वर्तमान के बदलते परिवेश के चलते बहुतेरे परिवारों का बिखराव और दूरियां रिश्तों में ताल मेल का सहज योग ,सतर्कता ही सार्थक करना है।अध्यक्ष,, डॉ वंदना ठाकुर ने बताया की संस्था के उद्देश्य को लेकर सजग है।समाज में परिवारिक रिश्तों में दूरियां और असहज होने के कारण,, कई परेशानियों का सामान करने पड़ रहे है,,हिंदू संस्कृति में परिवार एक मंदिर की तरह है ।जहा रिश्तों की पूजा होती हैं।लेकिन बदलते जमाने कई जगह रिश्तों के मायने बदलते जा रहे हैं हर रिश्तों में जीवन शैली बदलते जा रहे है हर वर्ग हर उम्र में असंतोष का असर दिखाई देने लगे हैं। व्रतालाप में कमी के चलते दिशा हीन होते नवयुवक ,,को बेहतर काउंसिलिग देने हेतु समय समय में विभिनय विषय पर चर्चा कर समाधान की ओर हर संभव कदम,,घर परिवार सुखी रहे सबका संसार का नारा ही संस्था की पहली प्रयास कोशिश हे।प्रोगाम संचालित श्वेता चौरे ने बताए,,हर वर्ग की महिलाए ने अपना अपना सहभागिता सहयोग दिया,, खेल, कुर्सी दौर,स्वयं सिंगार,रूप सज्जा,,,नृत्य, गीतों की बहार,,अपनी प्रतिभा का हनूर दिखाए,,सभी आनादिंत हुए,,, अध्यक्ष डॉ वंदना ठाकुर , ऐश्वर्या मिश्रा, ममता काकड़, किरण पिइलाई,पूनम हिरवानी,आशा पाठक, साक्षी मखीजा, वर्षा गुप्ता ,जी एस कलसी,कमल बड़वानी जी, बिंदु बंगा,मीनू चावला, शकुनतला जी उपस्थिति से खुशनुमा माहौल ने सभी को उपहारों की सौगात मिली

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