बाढ़ से तबाह पाकिस्तान में भारत के साथ व्यापार मार्ग खोलने की मांग जोर पकड़ रही है। यहां विनाशकारी बाढ़ के कारण सब्जियों और फलों की कीमतों में जोरदार उछाल आया है और देशभर में हजारों एकड़ में फसल नष्ट हो गई है। चूंकि शहबाज शरीफ सरकार ने अभी तक भारत से सब्जियों और फलों के आयात पर निर्णय नहीं लिया है, इसलिए कई व्यापार मंडल, उपभोक्ताओं की खातिर पड़ोसी देश भारत से प्याज और टमाटर जैसी आवश्यक वस्तुओं को आयात करने का आग्रह कर रहे हैं।
लाहौर मार्केट कमेटी के सचिव शहजाद चीमा ने कहा कि सरकार को भारत से सब्जियां और फल आयात करने का फैसला करना चाहिए क्योंकि यहां के उपभोक्ताओं को राहत देना समय की मांग है। उन्होंने कहा कि ताफ्तान सीमा (बलूचिस्तान) के जरिये ईरान से सब्जियों का आयात व्यवहार्य नहीं है क्योंकि ईरानी सरकार ने इसके आयात और निर्यात पर कर बढ़ा दिया था।
तहरीक-ए-इस्ताकलाल के अध्यक्ष रहमत खान वरदाग ने भी पाकिस्तान के नागरिकों के लाभ के लिए भारत के साथ खुले व्यापार की वकालत की है। इस वरिष्ठ राजनेता ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा, ”सरकार को उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए सभी तरीकों का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि टमाटर और प्याज की कीमतें 400 रुपये प्रति किलो को पार कर गई हैं। सब्जियों और फलों की आपूर्ति कम से कम समय में भारत जैसे पड़ोसी देशों से ही संभव है।”