हाट-बाजार क्लीनिकों में दूरस्थ गांवों और वनांचलों के 51 लाख से अधिक लोगों का इलाज

रायपुर. 9 सितम्बर 2022. छत्तीसगढ़ के वनांचलों और ग्रामीण इलाकों के हाट-बाजारों में स्वास्थ्य विभाग की मेडिकल टीमों द्वारा 51 लाख 15 हजार 132 लोगों को इलाज मुहैया कराया गया है। मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना के माध्यम से प्रदेश के 1824 हाट-बाजारों में क्लीनिक लगाकर लोगों की निःशुल्क जांच व उपचार कर दवाईयां दी जा रही हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा योजना की शुरूआत के बाद से अब तक प्रदेश भर में कुल एक लाख दस हजार 988 हाट-बाजार क्लीनिक आयोजित कर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई गई हैं। योजना के अंतर्गत राज्य में 425 डेडिकेटेड ब्राडिंग वाहन तथा चिकित्सा दलों के माध्यम से दूरस्थ अंचलों में लोगों का इलाज किया जा रहा है।

हाट-बाजार क्लीनिकों में जरूरतमंदों को निःशुल्क उपचार, चिकित्सकीय परामर्श और दवाईयां उपलब्ध कराने के साथ ही मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा मलेरिया, एचआईव्ही, मधुमेह, एनिमिया, टीबी, कुष्ठ रोग, उच्च रक्तचाप और नेत्र विकारों की जांच भी की जा रही है। इन क्लीनिकों में शिशुओं और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण भी किया जा रहा है। हाट-बाजार क्लीनिकों में ओ.पी.डी. आधारित आठ प्रकार की सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। जांच के बाद व्याधिग्रस्त पाए गए लोगों को निःशुल्क दवाईयां भी दी जाती हैं। जिन मरीज़ों को उच्च स्तरीय जाँच अथवा उपचार की आवश्यकता होती है उन मरीज़ो को हाट-बाज़ार क्लीनिक से सीधे स्वास्थ्य केंद्र में रिफर भी किया जा रहा है जिससे उनका सम्पूर्ण उपचार सुनिश्चित किया जा सके।

मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना के अंतर्गत प्रदेश में अब तक 12 लाख 51 हजार 020 लोगों के उच्च रक्तचाप, 10 लाख 54 हजार 717 लोगों की मधुमेह, 4 लाख 09 हजार 439 लोगों की मलेरिया जांच, 2 लाख 76 हजार 727 लोगों की रक्त-अल्पता (एनीमिया) और एक लाख 614 लोगों में नेत्र विकारों की जांच की गई है। इन क्लीनिकों में 39 हजार 699 लोगों की टीबी, 15 हजार 631 लोगों की कुष्ठ और 30 हजार 147 लोगों की एचआईव्ही जांच भी की गई है। इस दौरान 75 हजार 978 गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच भी की गई है। हाट-बाजारों में आयोजित क्लीनिकों में एक लाख 33 हजार 829 डायरिया पीड़ितों का भी उपचार किया गया है।

मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिकों के माध्यम से अब तक बालोद जिले में 2 लाख 52 हजार 66, बलौदाबाजार-भाटापारा में 1 लाख 15 हजार 998, बलरामपुर-रामानुजगंज में 1 लाख 24 हजार 238, बस्तर में 1 लाख 28 हजार 82, बेमेतरा में 3 लाख 5 हजार 816, बीजापुर में 1 लाख 18 हजार 356, बिलासपुर में 2 लाख 82 हजार 338, दंतेवाड़ा में 1 लाख 11 हजार 616, धमतरी में 46 हजार 365, दुर्ग में 1 लाख 71 हजार 509, गरियाबंद में 2 लाख 19 हजार 597, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 88 हजार 741, जांजगीर-चांपा में 2 लाख 24 हजार 573 और जशपुर में 2 लाख 50 हजार 951 लोगों का इलाज किया गया है।

योजना के तहत कबीरधाम में 1 लाख 97 हजार 651, कांकेर में 1 लाख 84 हजार 572, कोंडागांव में 1 लाख 8 हजार 525, कोरबा में 1 लाख 42 हजार 801, कोरिया में 1 लाख 27 हजार 848, महासमुंद में 2 लाख 92 हजार 645 मुंगेली में 1 लाख 11 हजार 804, नारायणपुर में 47 हजार 150, रायगढ़ में 4 लाख 89 हजार 733, रायपुर में 1 लाख 38 हजार 38, राजनांदगांव में 3 लाख 6 हजार 9, सुकमा में 57 हजार 737, सूरजपुर में 3 लाख 17 हजार 113 तथा सरगुजा जिले में 1 लाख 53 हजार 260 लोगों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

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