अपनी बुजुर्ग मां को प्रताड़ित करने एवं उनके साथ बदसलूकी करने वाले सौतेले बेटे को अदालत ने मकान खाली करने के आदेश दिए हैं। अदालत ने कहा कि बेटा किसी तरह का विवाद खड़ा किए बगैर एक महीने के भीतर मकान को खाली कर दे, अन्यथा अदालत सख्ती बरतेगी।
साकेत स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पूजा तलवार की अदालत ने बेटे को परिवार समेत 13 अक्तूबर तक घर खाली करने को कहा है। साथ ही अदालत ने मां की उस मांग को भी स्वीकार कर लिया है जिसमें उन्होंने कहा था कि उसने बेटे के रोजाना के झगड़े की आदत से तंग आकर अगस्त 2015 में घर खाली करने का नोटिस दिया था। लेकिन वह जबरन कब्जा जमाए बैठा रहा और उन्हें प्रताड़ित करता रहा।
अदालत ने कहा कि सौतेला बेटा एक अगस्त 2015 को दिए नोटिस की तारीख से घर खाली करने की 13 अक्टूबर 2022 तक के समय के बीच एक हजार रुपये प्रतिमाह क्षतिपूर्ति के रूप में मां को देगा। अदालत ने कहा कि रकम 85 हजार रुपये बनती है। इसका भुगतान भी बेटा तत्काल अपनी मां को करे।
पिता ने नाम की थी संपत्ति
प्रतिवादी बेटे के पिता ने अपनी पहली पत्नी की मौत के बाद दूसरी शादी कर ली थी। पिता ने वसीयत में सारी संपत्ति अपनी दूसरी पत्नी के नाम पर कर दी थी। वर्ष 2011 में पिता की मौत के बाद बेटे ने मां को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था।
बेटे ने संपत्ति में हक मांगा
बेटे का कहना था कि यह उसकी दूसरी मां है और पिता की संपत्ति में उसका भी हक है। ऐसे में उसे घर से नहीं निकाला जा सकता। परंतु अदालत ने कहा कि उसके पिता ने वसीयत में संपत्ति मां के नाम पर कर दी थी। लिहाजा मां के हक को अस्वीकार नहीं किया जा सकता। यहां पिता के आधार पर अधिकार नहीं मांगा जा सकता, क्योंकि पिता जब पूर्णत स्वस्थ थे उन्होंने सारे अधिकार पत्नी के नाम स्थानान्तरित कर दिए थे।
पति-पत्नी करते थे बदसलूकी
मां ने अपने सौतेले बेटे की प्रताड़ना के खिलाफ अदालत में याचिका दायर की थी। मां का कहना था कि सौतेला बेटा और उसकी पत्नी रोजाना उनके साथ बदसलूकी करते हैं। गाली-गलौच करना उनका रोज का काम हो गया था। एक बार बेटे की प्रताड़ना से तंग आकर उन्होंने पुलिस को फोन किया था। परन्तु पुलिस ने पारिवारिक विवाद बताकर मामला निपटाने को कहा था।