भारत ने गृहयुद्ध में जूझ रहे सूडान में फंसे नागरिकों को निकालने के लिए शुरू ‘ऑपरेशन कावेरी’ अभियान को शुक्रवार (5 मई) को समाप्त कर दिया है और भारतीय वायु सेना का आखिरी विमान 47 यात्रियों को लेकर स्वदेश लौट गया है.
भारत ने सूडान में सेना और एक अर्द्धसैनिक बल के बीच हिंसक झड़पों के बाद वहां से अपने नागरिकों को निकालने के लिए 24 अप्रैल को ऑपरेशन कावेरी शुरू किया था. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जानकारी दी कि भारतीय वायु सेना के सी130 विमान के शुक्रवार को आने के साथ ही ‘ऑपरेशन कावेरी’ के जरिए सूडान से 3,862 लोगों को निकाला जा चुका है.
उन्होंने बताया कि भारतीय वायु सेना ने 17 उड़ानों का संचालन किया और भारतीय नौसेना ने पोर्ट सूडान से भारतीयों को सऊदी अरब में जेद्दा ले जाने के लिए पांच फेरे लगाए. जयशंकर ने कहा कि सूडान की सीमा से लगते देशों के जरिए 86 भारतीयों को लाया गया. उन्होंने सूडान से लाए गए भारतीयों की मेजबानी और निकासी प्रक्रिया में मदद के लिए सऊदी अरब का भी आभार व्यक्त किया. उन्होंने चाड, मिस्र, फ्रांस, दक्षिण सूडान, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र का भी आभार जताया.
विदेश मंत्री ने कहा, ‘विदेश में सभी भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रतिबद्धता हमारी प्रेरणा है.’ केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन बचाव प्रयासों की देखरेख के लिए सऊदी अरब में मौजूद थे. विदेश मंत्री जयशंकर ने मुरलीधरन को इसके लिए सराहा.
ऑपरेशन कावेरी के बारे में बात करते हुए जयशंकर ने कहा कि ‘ऑपरेशन कावेरी में शामिल सभी लोगों की भावना, दृढ़ता और साहस की सराहना करें. खार्तूम (सूडान) में हमारे दूतावास ने इस कठिन समय में असाधारण समर्पण दिखाया. सऊदी अरब में तैनात टीम इंडिया और भारत के साथ तालमेल बिठाने वाले एमईए रैपिड रिस्पांस सेल के प्रयास सराहनीय थे.’