आयकर विभाग ने टैक्सपेयर्स की सहूलियत के लिए शुरू की नयी सुविधा , टैक्सपेयर्स को होगी आसानी

आयकर विभाग टैक्सपेयर्स की सहूलियत के लिए लगातार नई-नई सुविधाएं ला रहा है। इसी कड़ी में विभाग ने अब ‘डिस्कार्ड रिटर्न’ नाम की सुविधा शुरू की है। इसके तहत टैक्सपेयर आयकर रिटर्न को दाखिल करने के बाद भी उसे खारिज कर सकते या वापस ले सकते हैं। शर्त यह है कि टैक्सपेयर ने उसे सत्यापित न किया हो। इसका मतलब है कि दाखिल की गई आईटीआर को वेरिफाई करने से पहले आयकर विभाग के रिकॉर्ड से हटाया जा सकता है। इसके बाद नई आईटीआर दाखिल की जा सकेगी।

पहले, टैक्सपेयर्स के पास दाखिल की गई आयकर रिटर्न (ITR) वापस लेने की व्यवस्था नहीं थी। आईटीआर में यदि कोई त्रुटि रह जाती थी तो संशोधित रिटर्न दाखिल करनी पड़ी थी। टैक्सपेयर को फिर से वही लंबी प्रक्रिया दोहरानी पड़ती थी। नई व्यवस्था में टैक्सपेयर इससे बच सकेंगे और संशोधित की बजाए नई आईटीआर दाखिल कर सकेंगे।

संशोधित आरटीआर भरने के लिए पुरानी रिटर्न को वेरिफाई करना जरूरी होता था। यानी अगर किसी टैक्सपेयर ने रिटर्न दाखिल कर दी और बाद में किसी गड़बड़ी का पता चलता था तो उसे सही करने का तरीका यही था कि पहले वह उसी आईटीआर को वेरिफाई करे।

उसके बाद संशोधित रिटर्न दाखिल करें। गड़बड़ी वाली आईटीआर के ऐसे मामलों में कई बार विभाग की तरफ नोटिस भी भेजे जाते हैं। नई व्यवस्था में टैक्सपेयर को त्रुटि वाली रिटर्न को वापस लेने की अनुमति मिलेगी।

इन शर्तों को पूरा करना होगा

  • टैक्सपेयर्स द्वारा भरा रिटर्न ऑनलाइन या ऑफलाइन सत्यापित नहीं किया हो।
  • यह आयकर रिटर्न वित्त वर्ष 2023-24 के बाद का ही भरा होना चाहिए। सिर्फ एक अप्रैल 2023 के बाद के ही रिटर्न को वापस लिया जा सकता है।
  • पुरानी रिटर्न को डिस्कार्ड करने के बाद अगर नई रिटर्न तय डेट के बाद भरेंगे को नियमों के अनुसार जुर्माना लगेगा।

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