मंगलवार को एनसीपी नेता रामअवतार जग्गी हत्याकांड के एक और आरोपी याहया ढेबर ने विशेष कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। जग्गी हत्याकांड मामले में हाईकोर्ट ने सभी आरोपियों की सजा बरक़रार रखी थी। जिसके बाद याहया ढेबर, सूर्यकांत तिवारी, अमरीक सिंह गिल, बीके पांडे और आरसी त्रिवेदी ने भी कोर्ट में सरेंडर किया है। सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से तीन हफ्ते की राहत ली थी। याहया ढेबर रायपुर मेयर एजाज ढेबर का भाई है।
4 अप्रैल को एनसीपी नेता रामावतार जग्गी हत्याकांड में हाईकोर्ट से बड़ा फैसला आया था। जहां हाईकोर्ट ने अपील खारिज करते हुए 28 आरोपियों की उम्र कैद की सजा बरकरार रखा था। हाईकोर्ट चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस अरविंद वर्मा की डिवीजन बेंच ने सभी 28 आरोपियों की आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है। आजीवन कारावास की सजा पाने वालों में दो तत्कालीन सीएसपी और एक तत्कालीन थाना प्रभारी के अलावा याहया ढेबर और शूटर चिमन सिंह भी शामिल हैं। 4 जून 2003 की रात छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एनसीपी नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में कुल 31 अभियुक्त बनाए गए थे, जिनमें से दो बुल्ठू पाठक और सुरेंद्र सिंह सरकारी गवाह बन गए थे। एक अमित जोगी को छोड़कर बाकी 28 लोगों को सजा दी गई थी। इसके बाद आरोपियों ने हाईकोर्ट में अपील दायर कर निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी।