राजस्थान के दो सरकारी शिक्षकों से 9 करोड़, 31 लाख, 50 हजार 373 रुपए वसूले जाएंगे। इस भारी-भरकम राशि की रिकवरी के लिए शिक्षा विभाग ने थाने में मामला दर्ज करवा दिया है। शिक्षक आपस में पति-पत्नी हैं। बारां जिले के रहने वाले है। जिन शिक्षकों से इस राशि की रिकवरी होनी है उनका नाम विष्णु गर्ग और मंजु गर्ग हैं। इस दोनों शिक्षकों पर यह कार्रवाई राजस्थान सरकार के शासन सचिव के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने की है। बारां के राजकीय विधालय राजपुरा के डमी अध्यापकों और गबन के प्रकरण में अध्यापक दम्पति विष्णु गर्ग और उनकी पत्नी मंजु गर्ग पर धारा 420 , 409 ग़बन कीं धाराओं में मामला दर्ज कराया है। जहां 9 करोड़ का पोषाहार व तनख़्वाह का ग़बन के मामले को लेकर सरकार ने तुरंत गिरफ़्तारी के निर्देश पुलिस को दिए है।
पुलिस द्वारा कार्यवाही के बाद से ही दोनों शिक्षक दंपति फरार चल रहे हैं, लेकिन अब सरकार के द्वारा इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए रकम वसूलने का मामला दर्ज कराया गया है। 2017 मे भी बारां कलेक्टर द्वारा दोनों का फ़र्ज़ीवाडा पाये जाने पर इंक्रीमेंट रोका गया था, लेकिन सरकार बदलते ही कार्यवाही को दबा दिया गया। बारां के तात्कालिक जिला कलेक्टर एसपी सिंह से मिली भगत कर कार्यवाही की पत्रावलियों को भी कलेक्टर कार्यालय से ग़ायब करने का मामला सामने आया था। जिसकी अभी जांच जारी है।
5000 रुपए महीने में डमी टीचर रखे थे
विगत 25 वर्षों से शिक्षक दंपति विष्णु गर्ग व पत्नी मंजू गर्ग राजकीय विद्यालय राजपुरा में पद स्थापित है। लेकिन दोनों ही विद्यालय नहीं जाकर अपनी जगह एवजी के रूप में डमी अध्यापकों से कार्य करवाते थे। जहां दोनों अध्यापकों को दोनों की जगह पांच -₹5000 मासिक में नियुक्त कर रखा था, जो वहां जाता था तो डमी अध्यापक अपने आप को विष्णु गर्ग व मन्जू गर्ग बताते थे। तो साथ ही इसी मामले को लेकर बारां प्रशासन के द्वारा विगत दिसंबर माह में विद्यालय पहुंचकर कार्रवाई की गई।
जहां पर यह दोनों शिक्षक दंपति अनुपस्थित मिले व उनकी जगह प्राइवेट दो महिला व एक पुरुष अध्यापन करवाते पाए गए। जहां पुलिस ने कार्यवाही करते हुए दोनों डमी अध्यापकों को गिरफ्तार कर लिया गया। साथ ही शिक्षक दंपति में अध्यापिका मंजू गर्ग को लीव पर बताया गया, लेकिन विष्णु गर्ग के उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर मिले। जांच में यह भी पता लगा की शिक्षक दंपति के द्वारा बच्चों के पोषाहार में भी फर्जीवाड़ा कर घोटाला कर भारी भरकम राशि उठा ली गई है।