मां ने अपनी ही नाबालिग बेटी को दुष्कर्मियों के हाथ सौंप दिया। बेटी के साथ बंद कमरे में तीन लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। उसकी सुनवाई थाने में नहीं हुई तो उसने एसपी से न्याय की गुहार लगाई। दबाव बढ़ने पर पुलिस ने एक आरोपी को शांतिभंग करने के आरोप में चालान कर दिया। सीओ ने मामले की जांच की तो सच सामने आया। मां व तीन दुष्कर्म के आरोपियों पर सोमवार को केस दर्ज हुआ है। घटना 20 मई को हर्रैया थाना क्षेत्र के एक गांव में हुई थी।
हर्रैया थाना क्षेत्र निवासी 16 वर्षीय किशोरी ने बताया कि उसके पिता की मृत्यु हो चुकी है। मणिपुर बाजार निवासी संतोष कुमार उर्फ पिंटू सोनी का उसके घर आना-जाना था। किशोरी के मुताविक संतोष व उसकी मां के बीच अवैध सम्बन्ध थे। उसने दोनों को कई बार आपत्तिजनक स्थिति में देखा तो विरोध किया। जिस पर उसकी मां ने बेटी को धमकाया। किशोरी के मुताविक 20 मई को शाम सात बजे संतोष अपने साथ आकाश व कन्धई लाल को लेकर उसके घर आया। मां ने उसे चाय बनाने को कहा। किशोरी का आरोप है कि सभी लोग चाय पी रहे थे, इसी बीच उसकी मां घर से बाहर निकल गई। उसने दरवाजा बंद कर कुंडी चढ़ा दी।
किशोरी के मुताविक संतोष, आकाश व कन्धई लाल ने उसके साथ बारी-बारी से दुष्कर्म किया। मां ने उसे आकाश के साथ शादी कराने का दिलासा देकर मुंह बंद कराना चाहा। किशोरी ने घटना की जानकारी अपने चाचा को दी। इसके बाद दोनों ने 28 मई को हर्रैया थाने में तहरीर दी। पुलिस ने उसे फर्जी आरोप बताकर वापस कर दिया। मामला थाने पहुंचा तो कुछ रसूखदारों ने पंचायत बुलाई, लेकिन बात नहीं बनी। पुलिस ने काम बिगड़ता देख सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी संतोष पर शांतिभंग की कार्रवाई कर दी।
किशोरी ने बताया कि वह अपने चाचा के साथ 30 मई को पुलिस अधीक्षक से मिलने गई। एएसपी नम्रता श्रीवास्तव ने मामले की जांच क्षेत्राधिकारी राधारमण सिंह को सौंप दी। जांच रिपोर्ट में किशोरी का आरोप सच पाए जाने पर सोमवार शाम हर्रैया थाने में मां और सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी संतोष, आकाश एवं कन्धई लाल पर केस दर्ज हुआ है। प्रभारी निरीक्षक प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है।