नई दिल्ली- अग्निपथ योजना के विरोध के बीच सरकार ने पहली भर्ती का नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। अब मंगलवार को तीनों सेनाओं के चीफ इस बारे में जानकारी देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करेंगे। तीन सेना प्रमुख भर्ती से संबंधित बातों की जानकारी पीएम मोदी को देंगे। बता दें कि अग्निपथ योजना की लॉन्चिंग 14 जून को की गई थी। तब से देशभर में इसका विरोध देखने को मिल रहा है।
बता दें कि इस योजना के तहत चुने गए युवाओं को ‘अग्निवीर’ के तौर पर जाना जाएगा। रविवार को प्रधानमंत्री मोदी ने इस योजना को लेकर अहम बयान दिया था। हालांकि उन्होंने सीधा इस योजना का नाम नहीं लिया था और नही विरोध प्रदर्शन का ही जिक्र किया था। बस पीएम मोदी ने यह कहा कि यह हमारे देश का दुर्भाग्य है कि जब कोई अच्छी चीज लाई जाती है तो इसे सियासी रंग दे दिया जाता है। टीआरपी के चक्कर में मीडिया भी इसमें फंस जाता है।
सोमवार को पीएम मोदी ने बेंगलुरु में कहा कि कुछ लोगों को यह फैसला गलत लग सकता है लेकिन बाद में यह देश के लिए अच्छा साबित होगा। कांग्रेस समेत विपक्षी दल इस योजना को सरकार की बड़ी गलती बता रहे हैं। इसकी तुलना कृषि कानूनों से की जा रही है जिसे सरकार ने वापस ले लिया था। कई आलोचकों का भी कहना है कि सरकार को इस योजना को वापस लेना पड़ेगा। हालांकि रक्षा मंत्रालय की तरफ से स्पष्ट कहा गया है कि योजना को वापस नहीं लिया जाएगा।
सेना ने कहा है कि यह एक वैश्विक ट्रेंड है। लंबे समय से इस व्यवस्था का इंतजार हो रहा था। युवकों को बड़ी संख्या में सेना में शामिल करने से आधुनिक युद्ध लड़ने में और तैयारी करने में मदद मिलेगी। सेना की तरफ से कहा गया कि टेक सेवी युवा भारतीय फौज के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। इस योजना के जरिए सेना में होश और जोश का बैलेंस बनाया जाएगा। बता दें कि अग्निपथ योजना के तहत 17.5 साल से 21 साल तक के युवा ही भर्ती हो सकते हैं। हालांकि इस बार दो साल की छूट दी गई है।