नवरात्र पांचवे दिन सेजबहार हाउसिंग बोर्ड में सवा लाख बत्ती के साथ ज्वाला महाआरती नवदुर्गा की कन्या रूप में झांकी

  • सेजबहार हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी सार्वजनिक दुर्गा उत्सव समिति विगत आठ वर्षों से धर्म और लोकसंस्कृति की संरक्षण के साथ मना रही दुर्गा उत्सव
  • नवदुर्गा की कन्या रूप श्रृंगार दर्शन के साथ पुष्प वर्षा व पांच आरती किया गया। महिलाओं व बालिकाओ द्वारा राजस्थानी वेशभूषा में माता आराधना नृत्य प्रस्तुत किया गया।

सनातन धर्म के प्रचार प्रसार और सांस्कृतिक एकता को मजबूत बनाने के क्रम में सेजबहार हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी सार्वजनिक दुर्गा उत्सव समिति महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन कर रही है। समिति विगत आठ वर्षों से धर्म और लोक संस्कृति की संरक्षण संवर्धन करते हुए दुर्गा उत्सव मना रही है। नवरात्र पांचवे दिन लक्ष पंच विन्सत बाती (सवा लाख बत्ती) के साथ पंचमी ज्वाला महाआरती के साथ नवदुर्गा की बालिका देवी रूप श्रृंगार दर्शन के साथ पुष्प वर्षा व पांच आरती किया गया।  जिसमें नवदुर्गा के रूप में मीनल,युक्ति, तपस्या, आर्य, टिया, दिव्या, पंछी,दिशा, कृति, और विराज ने भूमिका निभाई। आरती के पश्चात कालोनी कि  प्रीति शर्मा, प्रिया निमाड़े, सरोज देवांगन, रिंकी देवांगन, सानू बघेल, सोनिया गौर, रिचा राव, ममता सिंह, वंदना जायसवाल,पुष्पा दिवाकर, लता सोनी, निशा सोनकर, निभा मिश्रा, वर्षा साहू, सोनी वर्मा , रानी देवांगन, डेना, नम्रता, प्रिया,  निधि, दीपिका, वर्षा, सीमा, गंगोत्री, ममता, प्रियंका, रेनू , प्रियंका पुष्पा, रूपाली, शशि कला, महिलाओं व बालिकाओ द्वारा राजस्थानी वेशभूषा में माता साधना आराधना नृत्य प्रस्तुत किया गया।

 

शरदीय नवरात्र में नौ दिन  में दुर्गा मां के नौ रूपों की पूजा होती है और इसे उत्सव की तरह कालोनी मनाती है। इसमें व्रत- उपवास रखने, जवारे बोने और अखंड दीप के पूजन की सावधानी से निभाई जाने वाली रीत के साथ गरबे और बच्चों के लिए खेलकूद व सांस्कृतिक कार्यक्रम भी इस उत्सव का महत्वपूर्ण हिस्सा रहता है । पूजा के साथ-साथ कई तरह के खेलकूद और सांस्कृतिक कार्यक्रम में सभी आयु वर्ग के लोग बढ चढ़कर भाग लेते हैं।  अलग- अलग प्रांत के गीत- संगीत व परिधान में गरबा का आयोजन होता है। जिसमें देवी अराधना के साथ भारत के सभी प्रांतो को एक सूत्र में बांधने का संदेश रहता है। पंडाल में प्रतिदिन लोक मंडली द्वारा जस गीत का आयोजन कराया जाता है।

लोक कल्याण को ध्यान में रखकर अष्टमी की दिन हवन पूजन के बाद कन्या पूजन की विशिष्ट परंपरा है। कन्याओं को उपहार देकर अंत में कन्याओं के पैर छूकर आशीर्वाद लिया जाता है। कन्या पूजा में 5 से 11 साल तक की कन्याओं की पूजा की जाती है। नवमी के महाभंडारा में कालोनी भक्तगणों के साथ- साथ आसपास गांवों के सभी लोग पंगत में बिठाकर केले के पत्ते उन्हें महाप्रसाद खिला कर पर्यावरण संरक्षण की भावना को बढ़ावा देती है।

देवी दुर्गा की मूर्ति विसर्जन भी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है कॉलोनी की मातृशक्ति जोत ज्वारा लेकर विशेष परिधान में कतारबद्ध होकर ज्वारा विसर्जन करने की परंपरा हैं कॉलोनी के श्रद्धालु भक्तगण मातारानी के बिदाई के लिए सपरिवार आ कर दर्शन करते है। पूरे सड़क को धोकर माता रानी की अगवानी करते हैं। विगत आठ वर्षा से दशमी के दिन बच्चों के रामलीला मंचन के साथ भव्य दशहरा उत्सव का आयोजन अनवरत जारी है। इस वर्ष दशहरा को भव्य रामलीला मंचन के साथ रावण दहन किया जाएगा।

 

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